प्रभूतंकार्यमल्पंवातन्नरः कर्तुमिच्छति श्लोक का अर्थ


प्रभूतंकार्यमल्पंवातन्नरः कर्तुमिच्छति।

सर्वारंभेणतत्कार्यं सिंहादेकंप्रचक्षते।।

जिस प्रकार कोई शेर एकाग्रता के साथ झपट्टा मारकर पूरी ताकत के साथ अपना शिकार करता है और उसकी सफलता निश्चित होती है। ठीक उसी प्रकार हमें अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए भी लक्ष्य पर ध्यान केंद्र‍ित कर पूरी मेहनत के साथ प्रयत्न करना चाहिए। काम चाहे छोटा हो या बड़ा हो, हमें पूरी ताकत लगाकर ही करना चाहिए, तभी कामयाबी पक्की हो जाती है।

सुप्रभात 

 

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